सूर्य देव का मंत्र –
ऊँ सूर्याय नम:।
सूर्य को जल चढ़ाते समय इन मंत्रो को पूरी श्रध्द्दा व् एकचित होकर जपे l इससे समाज में मान सम्मान बढ़ता है l
चंद्र देव का मंत्र –
ॐ सोमाय नम:।
इस मन्त्र का अधिक फल पाने के लिए चन्द्रमा को रात में चांदी के पात्र से दूध चढ़ाये l इससे चन्द्रमा का केमद्रुम दोष की समाप्ति होती है और मानसिक शान्ति मिलती है l
मंगल देव का मंत्र –
ॐ भौमाय नमः।
मंगल देव की शान्ति के लिए मसूर की दाल शिवलिंग पर चढ़ाते समय इस मन्त्र का पूरी श्रद्धा से जाप करे l शीग्र ही शाँतिहोती है l
बुध देव का मंत्र –
ॐ बुधाय नम:।
बुध ग्रह से पीड़ित लोगो को हर सप्ताह बुधवार को हरा मूंग शिवलिंग पे अर्पित करते हुए इस मंत्र का जाप करे l ऐसा करने से सु – बुद्धि बढ़ती है।
गुरु देव का मंत्र –
ॐ बृहस्पतये नमः।
गुरु की पीड़ा को कम करने के लिए हर गुरूवार को पक्के केले किसी गरीब को दान दो तथा इस मंत्र का पूरे शांत मन के साथ बैठ कर जाप करे l गुरु ग्रह से आने वाली पीड़ा व् वैवाहिक जीवन में आने वाली अशांति दूर हो जाती है।
शुक्र देव का मंत्र –
ऊँ शुक्राय नम:।
शुक्र ग्रह की शान्ति के लिए दही से शिवलिंग पर अभिषेक करते हुए इस मंत्र का एकाग्रचित्त होकर जाप करे l ऐसा करने से पतिपत्नी के बीच प्रेम व् तालमेल बना रहता है। और शुक्र ग्रह की पीड़ा काम हो जाती है l
शनि देव का मंत्र –
ऊँ शनैश्चराय नमः।
जीवन में शनि ग्रह की पीड़ा को कम करने के लिए पीपल में कच्चे दूध की लस्सी में काळा तिल डाल कर इस मंत्र का पूरी श्रद्धा से जाप करते हुए चढ़ाये l शीग्र अति शीघ्र लाभ मिलता है l और बनते काम में आने वाली रुकावट भी ख़तम हो जाती है l
राह देव का मंत्र –
ॐ राहवे नम:।
राहु देव की पीड़ा की समाप्ति के लिए किसी भी काले कुत्ते की सेवा करे l और इस मंत्र का रोज़ जाप करे l इससे मानसिक तनाव और आपसी विवादों से होने वाले झगडे से भी बचाव होता है। और राहु देव भी प्रसन्न होते है l
केतु देव का मंत्र –
ऊँ केतवे नमः।
केतु ग्रह की पीड़ा को कम करने के लिए गरीबो में कम्बल दान करे l और इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करे l ऐसा करने से दिमागी अशांति और कलह से बचाव होता है l और साथ ही साथ केतु देव भी जीवन में सकारात्मक फल प्रदान करते है l
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