हिंदू धर्म में गाय को गौ माता यानी देवी का दर्जा प्राप्त है | गौमाता के भीतर अनेक देवी-देवताओं का वास माना गया है |
अथर्वेद के अनुसार ‘धेनु सदानाम रईनाम’ अथार्त गाय समृद्धि का मूल स्त्रोत है | वही सृष्टि के पोषण का स्त्रोत भी है |
गौमाता का महत्व :-
गौमाता इसीलिए पूजनीय नहीं कि वह दूध देती है, और इसके होने से हमारी सामाजिक पूर्ति होती है | दरअसल मान्यता के अनुसार 24 लाख योनियों का सफर करके आत्मा अंतिम योनि के रूप में गाय बनती है | गाय लाखों योनियों का वह पड़ाव है, जहां आत्मा विश्राम करके आगे की यात्रा शुरू करती है |
गौ माता के पूजन अर्चन से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं | गाय एक चलता फिरता मंदिर है | हमारे सनातन धर्म में 33 कोटि देवी -देवता हैं | हम रोजाना उनके दर्शन मंदिर जाकर नहीं कर सकते, पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन एक साथ ही हो जाते हैं |
गौमाता से संबंधित कुछ जानकारी :-
1* यह जानकर आप लोगों को आश्चर्य जरूर होगा, परंतु यह सत्य है | कि गौ माता जिस जगह खड़ी होकर आनंद पूर्वक विचरण करती है या चैन की सांस लेती है, वहां वास्तु दोष स्वयं ही समाप्त हो जाते हैं |
2* जिस जगह गौ माता ख़ुशी से रंभाने लगे उस जगह देवी- देवता व आपके इष्ट देवता भी प्रसन्नता की दृष्टि से देखते हैं |
3* भैंस के गोबर की अपेक्षा गौ माता का गोबर ही पवित्र माना जाता है | कहा जाता है इसमें लक्ष्मी जी का वास होता है और इसमें कभी भी कीड़े नहीं पड़ते |
4* गौ माता की एक आंख में सूर्य देव व दूसरी आंख में चंद्र देवता का वास होता है |
5* केवल गौ माता के दूध में ही सुवर्ण तत्व पाया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है | और हमारी होने वाली बीमारियों से भी रक्षा करता है |
6* गौ माता के चारों चरणों के बीच से निकलकर परिक्रमा करने से इंसान भयमुक्त हो जाता है |
7* जब गौमाता वात्सल्य भरी नजरों से जिसे भी देखती है| उनके ऊपर गोकृपा यानी सभी देवी-देवताओं की कृपा हो जाती है |
8* गौ माता के खुर्र में नाग देवता का वास होता है | जहां भी गौ माता विचरण करती है वहां कभी भी सांप बिच्छू नहीं आते हैं |
समस्या व उपाय :-
1*कलयुग में मनुष्य को अपने कष्टों के निवारण के लिए गौ माता की रोज सेवा करनी चाहिए | जो ऐसा नहीं कर पाते एक उपाय कर सकते हैं, चांदी की गाय बनवा कर घर के पूजा घर में रखें | और उनकी रोज श्रद्धा से सेवा करें |
2* यदि किसी का शुभ कार्य या कोई भी कार्य अटका हुआ हो | बार-बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो | तो गौ माता के कान में ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ बोल कर अपने काम बनने की प्रार्थना करें, और काम हो जाएगा |
3* नवग्रह की शांति के लिए या किसी भी ग्रह की शांति के लिए काली गाय का पूजन करें | और अपनी हथेली पर रखकर गुड़ खिलाए | इससे आपके ग्रह शांत होंगे, शत्रु से छुटकारा मिलेगा, और बिगड़ा भाग्य सवर जायेगा |
4* जिनको पेट की समस्या है या जिनका वात, पित्त, कफ बिगड़ा हुआ है | उन्हें गोमूत्र लेने से जल्द ही लाभ मिलता है |
5* कोई स्त्री को बोहोत समय से संतान नहीं हो पा रही है | तो ऐसा करे ,गौमाता जब बछड़े को जन्म देती है | उसका पहला-पहला दूध उस स्त्री को पिलाया जाए, तो अवश्य ही फायदा मिलेगा |
6* जिस भी मनुष्य को लगता है कि मेरा भाग्य साथ नहीं दे रहा है | मेरा कोई काम नहीं बनता है | तो वह ऐसा करें कि, 21 दिन लगातार सवेरे गौ माता के दर्शन करें, और गौ माता के कूबड़ पर जो सूर्यकेतु नाड़ी होती है उस पर अपनी हथेली फेहराये | और हाथ जोड़कर सौभाग्य की प्रार्थना करें | निश्चय ही मनोकामना पूर्ण होगी |
7* अगर गौ माता अपनी पूंछ किसी भी व्यक्ति पर स्वैच्छा से लेहरराती है तो कहा जाता है कि उस व्यक्ति पर लगी नजर भी उतर जाती है |
विशेष:-
जो व्यक्ति गौ माता की सेवा व पूजा करता है | उस पर आने वाली विपदाएँ गौमाता स्वयं ही हर लेती है | हे ! माँ आप अनंत हैं | सब सुखों की दातार हैं | मुझ में यह सामर्थ्य नहीं कि मैं आपके गुणों की व्याख्या कर सकूं |
| | जय गौ माता | |