||श्री गनेश जी की आरती ।।
सदा भवानी दाहिने, सन्मुख रहत गनेश ।
5 देव रक्षा करे, श्री ब्रह्मा विष्णु महेश ।।
जय गनेश , जय गनेश , जय गनेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।टेक।।
जय गणेश जय गणेश ।
1 दन्त दयावन्त, 4 भुजा धारी,
माथे ऊपर तिलक विराजे, मूसे की सवारी ।
जय गनेश जय गनेश ।
अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।
जय गनेश जय गनेश ।
हार चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा,
लड्डुवन का भोग लागे, सन्त करें सेवा ।
जय गनेश जय गनेश ।
दीनन की लाज राखो, शम्भु पुत्र हमारी,
मनोरथ को पूरा करो, जाऊँ मैं बलिहारी ।
जय गनेश जय गनेश ।।